Wednesday, May 22, 2019

रघुवंश प्रसाद के एक समर्थक

अमरीका और ईरान में बढ़े तनाव के बीच ईरान के विदेश मंत्री आज भारत आ रहे हैं.
दरअसल अमरीका ईरान से तेल आयात करने पर प्रतिबंधों में भारत को दी गई छूट को खत्म करने जा रहा है.
से में ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
इस दौरान वो भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं के बीच अमरीका के फैसले के असर और इससे निपटने के तरीके पर बातचीत होगी.
ज़रीफ़ के इस दौरे के तीन हफ्ते पहले अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमरीका ईरान से तेल खरीदने पर लगाए गए प्रतिबंधों में और छूट नहीं देगा.
ये छूट खत्म होने के बाद भारत ईरान से तेल आयात नहीं कर पाएगा. अगर वो तेल खरीदना जारी रखता है तो उसे अमरीकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
चंदा कोचर और उनकी पति से प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को पूछताछ की.
पूछताछ के दौरान आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर ने निजी धन, विभिन्न कंपनियों में निवेश, चल और अचल संपत्तियों का विवरण, साथ ही आरबीआई, सेबी और अन्य नियामकों के समक्ष किए गए डिसक्लोज़र से जुड़े दस्तावेज़ पेश किए.
चंदा का केस दिल्ली के वकील विजय अग्रवाल लड़ रहे हैं. वो नीरव मोदी के भी वकील हैं.
अग्रवाल 2जी घोटाला मामले में कई अभियुक्तों का केस भी लड़ चुके हैं और जीते हैं.
प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा है कि एजेंसी ने कोचर के पास से 10 लाख नगद ज़ब्त किया है, लेकिन वकील अग्रवाल ने इस दावे को खारिज किया है.
चीन के 60 अरब डॉलर क़ीमत के अमरीकी सामानों पर अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा करने के बाद से ही अमरीकी बाज़ारों में गिरावट देखी गई है.
डाउ जोंस 2.4 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ है. इसी बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वो अगले महीने जी-20 की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ व्यापारिक तनाव पर चर्चा करेंगे.
ट्रंप ने कहा, "हम अरबों डॉलर के टैरिफ़ की बात कर रहे हैं और ये टैरिफ़ बहुत बड़ा होगा. अगर आप देखे कि अब तक हमने चीन के साथ क्या किया है तो हमने मेरे चुने जाने से पहले तक चीन से दस सैंट भी नहीं लिए थे और अब हम अरबों डॉलर ले रहे हैं. इसी शुक्रवार को इसमें भारी बढ़ोत्तरी हुई है. ये कर अब दौ सो अरब डॉलर पर पच्चीस फ़ीसदी है. हमें आज की हमारी ये स्थिति पसंद है. कुछ जवाबी कार्रवाई हो सकती है लेकिन वो इसकी तुलना में बहुत छोटी होगी."
भारतीय इतिहास के सबसे पुराने गणतंत्र की पहचान वाले इस इलाक़े में इस बार सबसे बड़ा सवाल यही है कि दो राजपूतों की टक्कर में बाज़ी किसके नाम होगी. एक ओर हैं लालू प्रसाद यादव के सबसे पुराने साथी रघुवंश प्रसाद सिंह तो वहीं दूसरी ओर हैं राम विलास पासवान की पार्टी लोकतांत्रिक जनता पार्टी (लोजपा) की वीणा देवी. वीणा देवी जेडीयू के एमएलसी दिनेश चंद्र सिंह की पत्नी हैं.
यह बिहार की उन चुनिंदा सीटों में है जहां दो सवर्ण उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है और दोनों की क़िस्मत की चाभी एक तीसरे सवर्ण समुदाय भूमिहार के हाथों में है.
इस लिहाज़ से देखें तो वैशाली का चुनाव अपने आप में बेहद दिलचस्प होने वाला है. रघुवंश प्रसाद सिंह 1996 से इस इलाक़े का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं, हालांकि 2014 की मोदी लहर में लोजपा के राम किशोर सिंह के ख़िलाफ़ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
2008 के परिसीमन के बाद वैशाली लोकसभा की पांच विधानसभाएं, मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में शामिल हो गईं.
वैशाली के भगवानपुर से क़रीब आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मरवन स्कूल के पीछे ताज़े ताज़े कटे गेहूं के खेत में नौ बजे से पंडाल में लोगों का पहुंचना शुरू हो चुका था. दस बजे के आसपास ही आसमान का पारा गर्म था और स्टेज के सामने बने पंडाल में भीड़ जमा थी.
छोटी सभा में भी पंडाल खचाखच भर गया था. पंडाल के बाहर पेड़ पौधों की छांह में भी लोग मौजूद थे. सबको इंतज़ार था तेजस्वी यादव का.
दस बजे की सभा में देरी होने लगी थी, लेकिन लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी. फिर रघुवंश प्रसाद आए तो उन्होंने सबसे पहले बीच खेत में बने हैलिपैड और हैलिपैड से मंच तक के रास्ते का जायज़ा लिया कि तेजस्वी के लिए सब ठीक है या नहीं.
इस बीच में वे दावा करते रहे कि इस बार लोगों से कोई ग़लती नहीं हो रही है, हर जाति के लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है, कहीं कोई टक्कर में नहीं है.
उनके इस दावे को थोड़ा बल तब मिलता है जब सभा के मंच से वैश्य समाज के स्थानीय नेता 'रघुवंश बाबू को जीतना है' के नारे लगाते हुए ब्राह्मण समुदाय के स्थानीय नेता परशुराम झा को आमंत्रित करते हैं बोलने के लिए.
परशुराम झा आते ही कहते हैं, ब्राह्मण हमेशा उसके साथ रहा है जो उसका सम्मान करना जानता हो. रघुवंश बाबू ने हम सबका हमेशा सम्मान किया है, इनको जिताना है.
पास वाली सड़क से एक अधेड़ व्यक्ति अपनी मोटर साइकिल रोक कर उसी पर बैठा सभा को देख रहा है. मेरे पूछने पर उस सज्जन ने बताया, ''हमलोग तो भूमिहार हैं, बीजेपी को वोट देते आए हैं, पिछली बार हमलोगों ने लोजपा के उम्मीदवार को जिताया था, इस बार बीजेपी को ये सीट अपने पास रखनी चाहिए थी. लोजपा की उम्मीदवार वीणा देवी की वजह से हमलोगों में विचार बन रहा है कि क्यों ना रघुवंश बाबू को ही इस बार वोट दिया जाए.''